Thursday, October 10, 2013

दरअसल
जिस देश में लोकतंत्र,
एक सूती साडी,
पांच किलो चावल,
और ,एक बोतल
देसी दारु की मार है ,
वहां लोकपाल
किसे दरकार है ?
यार लोग
हुमहुमा कर जिस
सूचना के अधिकार को लाये थे
बताइये!
इस सरकार के लिए
वोह कहाँ
खंजर या तलवार है ?
दरअसल
यह देश बीमार है |
यह हर सुबह कचोरी,
शाम पकौड़ी
रात मिर्च बड़े का
तलबगार है |
मैं सच कहता हूँ ,
मुझे अन्ना और रामदेव में
कोई फर्क नहीं दीखता,
सिवा इसके कि
एक दाढ़ी वाला था
दूसरा कुछ
चमकदार है |

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