Thursday, October 10, 2013

और ! बहुत शिद्दत से ,
उन्होंने कहा ,
वो सब लोग ,जिन्हें तुम चाहते हो
और जिनके होने भर से
तुम्हे जीवंत लगती है ,
ज़िन्दगी अपनी ,असल में
बीजगणित का बड़ा सा एक्स हैं |
उसदिन जब बहुत समय बीत जायेगा ,
और लगभग ,
रीत ही चुका होगा
सब कुछ ,तुम्हारे हाथों से
बस ,बची रह जाएँगी
कुछ किरचें भर
तुम्हारे हाथों ,तुम्हारी आँखों में
अनुभव करोगे तुम ,की
उम्र भर , नहीं भरी गयी तुमसे
एक्स की ,सच्ची वेल्यु |
२.
यह एक धुंधली
थकी और बोझिल शाम है,
मेरे ख़ाली हाथों में
सिर्फ ,एक अँगूठी है ,
जिसे मैं कभी दायीं,
कभी बायीं तरफ
घुमा रहा हूँ ,
और सोचता हूँ
घूम रहा है ,समय भी
मेरे कहे

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